श्रीराममन्दिरनिर्माणवृत्तान्तः शिल्कपला और स्थापत्य वैशिष्ट्यम् Rammandir nirman shilpakala aur sthapatya

श्रीराममन्दिरनिर्माणवृत्तान्तः तथा तत्स्थापत्यवैशिष्ट्यम् (प्रारम्भिकसंवादः)अयोध्यानगर्यां द्वे युवत्यौ प्रियवादिनी च सत्यवचना राममन्दिरं द्रष्टुं समागतौ। ते मन्दिरस्य भव्यतां दृष्ट्वा विस्मयाविष्टे अभवताम्। प्रियवादिनी – (विस्मयमिश्रितहर्षेण) अहो सखि! पश्य एतत् शुभ्रशिलानिर्मितं भव्यं मन्दिरम्। किमपि अलौकिकं तेजः अत्र व्याप्तम्। सत्यवचना – सत्यमेव प्रिये! एतत् केवलं देवालयः न, अपि तु भारतीयस्थापत्यकलायाः जीवन्तं निदर्शनम्। अत्र दर्शनेन एव हृदयं पवित्रं भवति। प्रियवादिनी – कृपया … Read more

संस्कृतसंवादः- प्रयागराज कुम्भमेलायाः विवरणम् Kumbha mela 2025 sanskrit samvaad

राम-राघवयोः संवादः कुम्भमेलाविषये (प्राचीनं नगरं प्रयागः। रामः राघवश्च नदीतीरे उपविष्टौ स्तः। जनसमूहः त्रिवेणीसंगमं प्रति धावति।) रामः – (सहर्षम्) अहो राघव! पश्य एतां दिव्यां दृश्यम्। कोटिशः जनाः, साधवः, यतयः च अत्र एकत्रिताः। कुम्भमेलायाः एषः उत्सवः भारतस्य पवित्रतमेषु आयोजनेषु अन्यतमः। राघवः – (कौतूहलेन) राम! अहम् एतस्य मेलस्य नाम तु श्रुतवान्, किन्तु अस्य माहात्म्यं न जानामि। कथय, किमर्थम् … Read more

बाबरी मस्जीद् का निर्माण और विध्वंस की पुरि जानकारी

बाबरी मस्जीद् का निर्माण 1527 को बाबर के आदेस अनुसार मीर बाकी ने कराया था और इस का नाम बाबरी मस्जीद् रखा। यह मस्जीद् पुरे दुनियां मे बाबरी मस्जीद् जन्मस्थान की नाम से जाने जाता है। अयोध्या जिल्ले में राम कोट पहाडी पर यह मस्जीद् वनायागया था। लॉर्ड विलियम बैन्टिक (1828–1833) के वास्तुकार ग्राहम पिकफोर्ड … Read more

मनुस्मृति में वर्णित श्राद्धकर्म विमर्श एवं श्रााद्ध के विविध प्रकार

मनुस्मृति में वर्णित श्राद्ध कर्म के विविध प्रकार 1. पार्वण श्राद्ध मुख्य विशेषताएं: संपादन प्रक्रिया: 2. एकोदिष्ट श्राद्ध प्रमुख लक्षण: क्रियाविधि: 3. त्रिविध श्राद्ध विशिष्टता: संपादन: 4. वृद्धि श्राद्ध महत्वपूर्ण पहलू: विशेषताएं: 5. उदकुम्भ श्राद्ध प्रमुख तत्व: क्रियाविधि: विभिन्न श्राद्ध प्रकारों का तुलनात्मक अध्ययन श्राद्ध प्रकार प्राथमिक उद्देश्य विशिष्ट पहचान संपादन अवधि पार्वण त्रिपीढ़ीय तर्पण … Read more

महर्षि वेदव्यास: एक संक्षिप्त परिचय

प्रारंभिक जीवन महर्षि वेदव्यास, जिन्हें कृष्ण द्वैपायन के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के महान ऋषि और विद्वान थे। उनका जन्म एक द्वीप पर हुआ था, जिसके कारण उन्हें “द्वैपायन” कहा गया। उनकी माता सत्यवती और पिता ऋषि पराशर थे। बचपन से ही वे असाधारण प्रतिभा के धनी थे और उन्होंने वेदों … Read more

जगन्नाथ पुरी रथयात्रा 2023 , पौराणिक कथा | Jagannath rathayatra 2023

जगन्नाथ पुरी रथयात्रा , पौराणिक कथा ओडिशा एक सांस्कृतिक रूप से संवृद्ध प्रदेश है । सनातन हिन्दू संस्कृति के अनुसार भारत की प्रसिद्ध चारधाम में से एक धाम है जगन्नाथ पुरी। यहां पर प्रतिवर्ष करोड़ो दर्शनार्थी जगन्नाथ भगवान की दर्शन केलिए आते है । इनमे से जगन्नाथ रथयात्रा विशिष्ट है। रथयात्रा के दिन देश-विदेश से … Read more

संख्यकारिका हिंदी सारांश नोट्स | Sankhya karika hindi notes

संख्यकारिका हिंदी सारांश भारतीय दर्शन में षड् दर्शन की प्रधानता है । ये षड्दर्शन इस प्रकार है – न्याय दर्शन , वैशेषिक दर्शन , सांख्यदर्शन, योगदर्शन, मीमांसा दर्शन ( पूर्वमीमांसा), वेदान्त दर्शन ( उत्तर मीमांसा)। इन षड् दर्शन में सांख्य दर्शन बहुत महत्वपूर्ण है क्यों कि सृष्टि प्रक्रिया को समझने केलिए सांख्य दर्शन बहुत उपयोगी … Read more

मीमांसादर्शनम् – अर्थ संग्रह सारांस | Mimansa Darshan notes

2 2Bmimansha1

मीमांसादर्शनम्   मीमांसादर्शनम्- जैमिनी (300 वि. पू.)   शबरभाष्यम् – शाबर स्वामी (100 ई. पू.)   श्लोकवार्तिक, तंत्रवार्तिक, टुप् टीका- कुमारिल भट्ट (750८ई.)   तंत्रवार्तिक की व्याख्या – विधिविवेक, भावना विवेक , विभ्रम विवेक –    मण्डन मिश्र ( सुरेश्वराचार्य ) 800 ई.)   मीमांसा सूत्रानुक्रमणि – मण्डन मिश्र   न्यायकर्णिका-विधिविवेक की व्यख्या- वाचस्पति मिश्र … Read more

Darshan notes

bauddha

 यहाँ दर्शपौर्णमासीय याग प्रकरण में प्रयुक्त होनेवाले ब्रीहियों का प्रोक्षण (जल के द्वारा ब्रीहि को सींचना प्रोक्षण कहलाता है  ) और किसी अन्य विधि से प्राप्त नही है ।  उक्त विधि ही तत्कालीन प्रोक्षण का विधान करती है जो पहले सर्वथा पहले अप्राप्त तथा अनिर्दिष्ट था । अतः अप्राप्त प्रोक्षणरूप अर्थ का विधान करने के … Read more