जैन दर्शन की समीक्षा, सामान्य परिचय । Jaina Darshan samikshya hindi notes

जैन जीवनशैली में उपनिषत् अनादिकाल से सृष्टि की प्रवाह चलता आरहा है। जिस में प्रत्येक प्राणी का जीवन जलधारा के समान प्रवाहित हो रहा है। इस प्रवाह में मानव की बहुत बड़ी विशिष्ट भूमिका है। मानव के ऊपर सम्पूर्ण जगत के नियंत्रण की भार है। मानव यदि कुशल न हो तो संसार की चल-प्रचलन अस्त … Read more