जैन जीवनशैली में उपनिषत् अनादिकाल से सृष्टि की प्रवाह चलता आरहा है। जिस में प्रत्येक प्राणी का जीवन जलधारा के समान प्रवाहित हो रहा है।
जैन जीवनशैली में उपनिषत् अनादिकाल से सृष्टि की प्रवाह चलता आरहा है। जिस में प्रत्येक प्राणी का जीवन जलधारा के समान प्रवाहित हो रहा है।